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Wednesday, August 3, 2011

जैसा मसीह यीशु का स्वभाव था वैसा तुम्हारा भी हो

जय मसीह कि,

" जैसा मसीह यीशु का स्वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो। " आज विषय पर हमे विचार करना वो वचन यही है क्या अपने इस वचन पर कभी ध्यान दिया है कि परमेश्वर इस वचन क द्वारा क्या कहना चाहता है ? मेरे प्रियो ये वचन जो अप पढ़ रहे है ये फिलिपीयो कि पत्री २: ५ में मिलता है और वचन ५ से आघे यदि हम वचन को देखे तो वह मसीह क यीशु के स्वभाव को बहुत aachhe तरीके से समझाया गया है फिलीपी २:५-८ ये वचन हमे उसके स्वभाव और उसके जैसे बनने लिए सिख दी है। आज हम थोड़ी देर के लिए सोचे क्या मेरा स्वभाव मसीह यीशु सरीखा है ? क्या में अपना जीवन यीशु मसीह के सामान जी रही / रहा हूँ ? मेरे प्रियो हम मसीह कि जीवित पत्री है ये भी परमेश्वर क वचन में लिखा है और वचन ये भी कहता है कि लोग तुम्हे चलते फिरते पढ़ते है । मेरे प्रियो बहुत ही गहरी बाते है जो पौल्लुस ने यहाँ लिखी है कि " जैसा मसीह का स्वभाव था वैसा तुम्हारा भी हो " कितनी कठिन बात है जैसा मसीह यीशु का स्वभाव ? आखिर क्या है मसीह का स्वभाव क्या हम उसके सामान बन सकते है ? आज हमे इसी बात पर विचार करना है ?

सो हम इस वचन पर ध्यान दे इसी फिलिपीयो २: ६ में लिखा है कि यीशु मसीह ने "परमेश्वर क स्वरूप होकर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने कि वस्तु न समझा।" और वचन कहता है कि "उसने अपने आपको शून्य कर लिया" क्या अपने कभी अपने आपको शून्य किया ? हकीकत ये है कि हम कभी आपने आपको शून्य नहीं करते हमेशा यही कहते है हमे सब आता है और इन बातो में हम अपनी तारीफ करने लगते है और शैतान को अवसर मिल जाता है एक और हमे अपने स्वर्गीय पिता से दूर करने का और वो ऐसा करने में कामयाब हो जाता है । अपने आपको शून्य करना बहुत आसन है जब हमारा विश्वास परमेश्वर पर है तो यदि नहीं है तो बहुत मुश्किल है । ये आपको तय करना है कि आप खुद को शून्य करने वाले है या फिर नहीं । मेरे प्रियो जब उसने अपने आपको शून्य किया तो खुद को दास समझा वो हमारे समन्ता में आ गया। आप जरा सोचे आपका स्थान क्या है और परमेश्वर कहा है बहुत अंतर है वो हमसे कही उचा है हम उसके स्थानपर नहीं आ सकते ? व उसके तुल्य आने क लिए हमे पवित्र होना होगा और अपने आपको शून्य करना होगा। वो इस श्रृष्टि करता का प्रिय पुत्र था और वो हम मनुष्यों के बिच में मनुष्य के रूप में आया परमेश्वर का बेटा आज एक मनुष्य बन कर आया अपने आपको निचे किया हमारे लिए किया वो शून्य हो गया।

दूसरी बात वो आज्ञाकारी था क्या हम है आज्ञाकारी अपने जीवन में ? मेरे प्रियो परमेश्वर ने आज्ञा दिया तू अपने माता और पिता का आदर करना इस आज्ञा का पालन यीशु मसीह ने क्रूस पर चढ़कर किया । जब वो मनुष्य के रूप में था हमारे साथ तब वो थोड़ी देर के लिए मानवी होकर बोला " हे पिता हो सके तो ये कटोरा मेरे सर से हटा ले " यहाँ वो मनुष्य होकर बोला लेकिन उससे मालूम था उसके पिता कि आज्ञा क्या है इसलिए उसने कहा " मेरी नहीं वरण तेरी इच्छा पूरी हो " ये वचन उसकी आज्ञाकारिता को बताता है । आज यदि किसी से कहा जाये तुझे किसी कि सहायता करनी है उसके लिए तुझे अपने प्राण देने होंगे उसका जवब क्या होगा ? मेरे प्रियो उसका जवब नहीं होगा लेकिन यीशु मसीह ने ऐसा नहीं कहा उसने अपने पिता कि आज्ञा को माना और क्रूस कि मृतु सह ली। मेरे प्रियो वचन हमे यीशु मसीह के गुनो को बताता है खुद यीशु मसीह ने एक वचनमें कहा " मेरा जुआ सहज और सरल है में मन से नम्र और दीं हूँ । " यही है उसका स्वभाव वो नम्र है वो दीन है । क्या आपन नम्र है या फिर आप में दीनता है ? सोचिये ये उसका जो स्वभाव है क्या आप में है ।

एक छोटी सी कहानी आप लोगो के लिए आप प्रभु के दास साधू सुन्दर सिंह को तो जानते होंगे उनके जीवन से जुडी एक घटना यहाँ बताना चाहूंगी , हम अछे से जानते है कि साधू सुन्दर सिंह ने हमेशा परमेश्वर क वचन का प्रचार जब किया तो वो अपनी सुविधा से ज्यदा आना जाना करते थे । एक बार ऐसा हुआ कि सुन्दर सिंह जी एक गावं से होकर जा रहे थे काफी दूर तक का सफर तय करने से उन्हें प्यास लगी उनके पास का पानी खतम हो गया था वो उस गाव के घर पर जाकर उन्होंने दरवाजे पर दस्तक दिया एक छोटीबची ने दरवाजा खोला जैसे ही उसने दरवाजा खोला वो जोर से चिलाने लगी अपने घर क्लोगो से कहने लगी कि हमारे घर प्रभु यीशु मसीह आये है सरे लोग आश्चर्य करने लगे और जल्दी ही दरवाजे क पास ए तो देखा दरवाजे पर साधू सुन्दर सिंह खड़े है उस परिवार ने उस छोटी बची को समझाया ये यीशु मसीह नहीं है लेकिन उसकी नज़र में वो यिशुमसिः ही दिखाई दे रहे थे । मेरे प्रियो इस बात कि गहराई ये है कि सुन्दर सिंह जी ने अपने आपको यीशु मसीह क स्वभाव में कर लिया था इसलिए उस बची को वो यीशु मसीह के रूप में दिखाई दिए ।

अब आप सोचे क्या आप में है ये बाते क्या अपने सच में यीशु के स्वभाव को अपनाया है ? क्या लोग आपको देखर कहते है इसमें यीशु मसीह का नूर है मेरे प्रियो यदि नहीं तो आज ही इस बातके लिए परमेश्वर से प्राथना करे कि जैसा मसीह यीशु का स्वभाव है पिता आप मेरा भी वैसा ही क्र दीजिये में भी उसके स्वभाव में आ जाऊ । और जैसा परमेश्वर के लिए उसका बेटा यीशु मसीह प्रिय था क्या आप नहीं चाहते कि आप भी उसके प्रिय बने ? यदि हाँ तो आज खुद को बदल ले उसको अपने आप में ऐसा बुलाये कि कोई भी आपको देखे तो कहे जैसा मसीह था वैसा ये भी है । प्रभु आपको आशीष दे ।


मसीह यीशु में आपकी

बहिन निशा सिंह

2 comments:

  1. Bahut hi sunder explain kiya aapne, Prabhu aapko aur bhi aashish de.... Praise the lord

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